holi per hindi me nibandh hindi होली निबंध हिंदी
होली पर निबंध essay on holi in hindi
होली एक हिंदू त्यौहार है जो मार्च महीने में अलग-अलग तिथि में आती है हमारे भारत में साल में कई सारे त्यौहार आते है लेकिन होली रंगोत्सव और हर्ष उल्लास का त्यौहार है होली के दिन लकड़ियों की होली बनाकर शाम को होली को जलाकर होलिका दहन किया जाता है
होलिका दहन भारत में हर जगह किया जाता है होली के दिन बच्चे ढोलक बजाते हैं और हर घर जाकर होली मांगते हैं होली का त्यौहार बसंत ऋतु के शुरू में आता है होली के साथ ही बसंत ऋतु की शुरुआत हो जाती है होली के अगले दिन रंग उत्सव मनाया जाता है इस दिन सब लोग अपनी हीन भावना को भूलाकर एक दूसरे को रंग लगाते हैं लोग खुशियां मनाते हैं घर-घर जाकर मिठाइयां बांटते है
हमारे पुराण अनुसार होली मनाने का पीछे का कारण हिरण्यकश्यप जो असुरों का राजा था कृष्ण भगवान को भक्ति द्वाराप्रसन्न करके ऐसा वरदान प्राप्त कर लिया था कि उसे कोई मार नहीं सकता का वरदान प्राप्त करने के कारण वह अपने आप को भगवान से भी ऊपर समझने लगा और जो कोई भगवान की भक्ति करता उससे वह दंड देता हिरण्यकश्यप का कहना था कि सब मेरी भक्ति करो
हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रहलाद भगवान विष्णु का परम भक्त था इसीलिए हिरण्यकश्यप ने कई बार अपने पुत्र प्रहलाद को भगवान विष्णु की भक्ति छोड़ने की चेतावनी दी यदि ऐसा नहीं किया तो प्रहलाद को मृत्युदंड दिया जाएगा लेकिन हिरण्यकश्यप अपने पुत्र प्रहलाद को भगवान विष्णु की भक्ति छुड़ाने में कई बार कोशिश की लेकिन असमर्थ रहा इसलिए हिरण्यकश्यप की बहन थी जिसका नाम होली का था
उसको भगवान से ऐसा वरदान प्राप्त था कि कोई भी आग में जला नहीं सकता हिरण्यकश्यप ने आदेश दिया कि चीता को तैयार करो और प्रहलाद को होलिका के साथ चिता पर बैठा दो जिससे होलिका बच जाए और प्रहलाद जल जाए फिर होलिका के साथ प्रहलाद को चिता पर बिठाया गया और आग लगा दी गई लेकिन भगवान विष्णु की भक्ति के कारण हिरण्यकश्यप की बहन जल गई और प्रहलाद बच गया इसी कथा के अनुसार होली का दहन किया जाता है और दूसरे दिन प्रहलाद बच जाने की खुशी में रंग उत्सव मनाया जाता है
FAQ frequently asked questions by people
लोगो के द्वारा पूछे जाने वाले प्रश्न
होलिका दहन क्यों मनाया जाता है
ऋषि कश्यप की ऋषि कश्यप की पुत्री और हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को एक वरदान था कि वह आग में नहीं चल सकती होलिका का जो भाई था हिरण्यकश्यप वह अपने पुत्र प्रह्लाद से नफरत करता था क्योंकि वह भगवान विष्णु की भक्ति करता था प्रहलाद को मारने के लिए हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन को कहां की तुम्हें प्रहलाद को अपनी गोद में बिठाकर आग पर बैठना है भगवान विष्णु की भक्ति के कारण प्रहलाद बच गया और होलिका जलकर राख हो गई प्रहलाद की याद में होली को मनाया जाता है और दूसरे दिन एक दूसरे पर रंग डाल कर प्रहलाद बच गया उसकी खुशी में आनंद मनाया जाता है
होलिका कौन थी
होली का ऋषि कश्यप की पुत्री और हिरण्यकश्यप की बहन थी
होलिका के माता पिता कौन थे
होली का के पिता ऋषि कश्यप की पुत्री थी माता का नाम दीती था